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शनिवार, 7 मई 2011

’मदर्स-डे’ स्पेशल (Maa ka pyaar) | Mothers Day Poem | Maa ki Shayari

 ’मदर्स-डे’ स्पेशल (Maa ka pyaar) | Mothers Day Poem | Maa ki Shayari

सबसे पावन, सबसे निर्मल, सबसे सच्चा मां का प्यार 
सबसे अनोखा, सबसे न्यारा, सबसे प्यारा मां का प्यार । 

 बच्चे को ख़ुश देख-देख के, मन ही मन हंसता रहता
 जब संतान पे विपदा आए, तड़प ही उठता मां का प्यार ।

 सुख की ठंडी छांव में शीतल पवन के जैसा लहराता 
दुख की जलती धूप में सर पे साया बनता मां का प्यार ।

 मिल जाएगा यूं तो जग में, कोई विकल्प हर रिश्ते का 
बेमिसाल है, लाजवाब है, बड़ा अनूठा मां का प्यार । 

 करता शीश झुका कर विनती ’शमसी’ यही विधाता से 
’जैसे मुझको दिया है, या रब ! सब को देना मां का प्यार ।’ 

To listen this poem, visit this link :

(प्रस्तुत रचना के सर्वाधिकार सुरक्षित हैं । इसका अव्यावसायिक उपयोग मेरे नाम के साथ कहीं भी किया जा सकता है । व्यावसायिक उपयोग के लिये मेरी लिखित अनुमति लेना आवश्यक है...मुईन शम्सी)

सोमवार, 24 जनवरी 2011

Hindi Ghazal | Deshbhakti Poetry | देशभक्ति-ग़ज़ल | Patriotic Ghazal - (All rights reserved)

Hindi Ghazal - देशभक्ति-ग़ज़ल

देश के कण-कण से और जन-जन से मुझको प्यार है 

देश-सेवा के लिये तन-मन सदा तैयार है ।


ईद दीवाली बड़ा-दिन होली और गुरु का परब 

याँ बड़े सौहार्द से मनता हर-इक त्योहार है ।


अपने भारत में नहीं है कोई प्रतिभा की कमी 

तथ्य ये स्वीकारता सम्पूर्ण ही संसार है ।


हिंद में लेकर जनम जो हिंद की खोदे जड़ें 

ऐसे लम्पट-धूर्त पे सौ-सौ दफ़ा धिक्कार है ।


करके भ्रष्टाचार जो जेबों को अपनी भर रहा

 देश का दुश्मन है वो सबसे बड़ा ग़द्दार है ।


इक तरफ़ उपलब्ध रोटी है नहीं दो-जून की

 इक तरफ़ बर्बाद होता अन्न का भण्डार है ।


आज ’शमसी’ है किसे चिंता यहां कर्तव्य की 

जिसको देखो, मुंह उठाए मांगता अधिकार है ।

(All rights are reserved with the poet Moin Shamsi)

इस देशभक्ति-ग़ज़ल को सुनने के लिये लिंक : 

https://youtu.be/Bz4Ju8rJcYE