शनिवार, 7 मई 2011

’मदर्स-डे’ स्पेशल (Maa ka pyaar) | Mothers Day Poem | Maa ki Shayari

 ’मदर्स-डे’ स्पेशल (Maa ka pyaar) | Mothers Day Poem | Maa ki Shayari

सबसे पावन, सबसे निर्मल, सबसे सच्चा मां का प्यार 
सबसे अनोखा, सबसे न्यारा, सबसे प्यारा मां का प्यार । 

 बच्चे को ख़ुश देख-देख के, मन ही मन हंसता रहता
 जब संतान पे विपदा आए, तड़प ही उठता मां का प्यार ।

 सुख की ठंडी छांव में शीतल पवन के जैसा लहराता 
दुख की जलती धूप में सर पे साया बनता मां का प्यार ।

 मिल जाएगा यूं तो जग में, कोई विकल्प हर रिश्ते का 
बेमिसाल है, लाजवाब है, बड़ा अनूठा मां का प्यार । 

 करता शीश झुका कर विनती ’शमसी’ यही विधाता से 
’जैसे मुझको दिया है, या रब ! सब को देना मां का प्यार ।’ 

To listen this poem, visit this link :

(प्रस्तुत रचना के सर्वाधिकार सुरक्षित हैं । इसका अव्यावसायिक उपयोग मेरे नाम के साथ कहीं भी किया जा सकता है । व्यावसायिक उपयोग के लिये मेरी लिखित अनुमति लेना आवश्यक है...मुईन शम्सी)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you want to ask anything related to Urdu and Hindi, you are welcome.